थांगखा चित्र तिब्बती संस्कृति की विशेष कलात्मक वस्तु है।
2.
वह आकलन करता है कि जिस दिन कलात्मक वस्तु खरीदी गई, उस दिन उसका बाजार मूल्य क्या था।
3.
मामूली लगने वाली चीज की भी उतनी ही अहमियत होती है जितनी किसी कलात्मक वस्तु या मूल्यवान धातु से बनी चीज की।
4.
शुक्र कला, कलात्मक वस्तु, सौंदर्य प्रसाधन, इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की बिक्री से, चिकित्सा से, प्रापर्टी ब्रोकरेज से, गायन, संगीत से भी धन का लाभ दिलाता है।
5.
इसलिये एक मग़रिबी इंसान इसे एक फन्नी शयपारा (कलात्मक वस्तु) समझता है और एक तमद्दुनी शय के तौर पर इस पर फख्र करता है अगर इसमें फन्नी कमाल की तमाम शरायत पूरी तरह पाई जाऐं।